सम्राट अकबर क्यों पीता था पवित्र गंगाजल? वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

क्या आपको मालूम हैं मुगल सम्राट अकबर पवित्र गंगाजल क्यों पीता था?

तो आइये जानते हैं कि इसके पीते की क्या वजह है?

अकबर गंगाजल की पवित्रता से इतना प्रभावित था कि उसने अपने लिए केवल गंगा का जल ही पीने का नियम बना लिया था. इसके लिए वह सैकड़ों किलोमीटर दूर से गंगाजल मंगवाता था.

अपने शासनकाल के दौरान अकबर ने गंगा जल को न केवल शुद्धता का प्रतीक माना, बल्कि जीवन भर उसकी पवित्रता में विश्वास रखते हुए उसका सेवन करता रहा.

यह जल अकबर के लिए केवल ताजगी का स्रोत नहीं था, बल्कि उसे आत्मिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता था.

अकबर के लिए गंगाजल लाने की एक खास व्यवस्था थी. उसके सैनिक नियमित रूप से गंगा नदी से शुद्ध जल भरकर शाही महल तक पहुंचाते थे.

बता दें कि हिंदू धर्म में गंगाजल को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है.

ऐसा माना जाता है कि गंगा नदी में एक बार स्नान करने मात्र से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं और आत्मा शुद्ध हो जाती है.

जब अकबर ने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया, तब उसके लिए हरिद्वार से गंगाजल मंगवाने की विशेष व्यवस्था की गई थी.

इस बात का उल्लेख उनके समकालीन इतिहासकार अबुल फजल की प्रसिद्ध कृति 'आइन-ए-अकबरी' में मिलता है.