आप जानते हैं आखिर 14 तारीख को ही क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति? यहां पर जानें
मकर संक्रांति 14 जनवरी को क्यों मनाई जाती है, इसका वैज्ञानिक और ज्योतिषीय आधार है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.
मकर संक्रांति का रिश्ता पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने से है, जो 365 दिन और 6 घंटों में पूरा होता है.
इस चक्कर को 12 भागों में बांटा गया है, जिन्हें राशियों के नाम से जाना जाता है.
सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है और इसे संक्रांति कहा जाता है.
मकर संक्रांति तब होती है जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. ये घटना हर साल 14 या 15 जनवरी को होती है.
भारत में ज्यादातर त्यौहार चंद्र कैलेंडर के हिसाब से मनाए जाते हैं, जिससे उनकी तारीख अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार बदलती रहती है.
लेकिन मकर संक्रांति सूर्य कैलेंडर से संबंधित है, जिससे इसकी तारीख हर साल 14 या 15 जनवरी को स्थिर रहती है.
हालांकि, मकर संक्रांति की तारीख में कुछ बदलाव हुए हैं. जैसे 1900 से 1965 के बीच 25 बार मकर संक्रांति 13 जनवरी को मनाई गई थी, जबकि पहले ये 12 या 13 जनवरी को मनाई जाती थी.
अब 2019 से मकर संक्रांति 15 जनवरी को भी मनाई जाने लगी है. इसलिए, कुछ वर्षों में मकर संक्रांति 14 तो कुछ वर्षों में 15 जनवरी को मनाई जाती है.