आपको मालूम है साधु और अघोरी बाबा आखिर क्यों रखते हैं लंबे बाल? जानें इसका रहस्य

इस साल उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा.

महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचेंगे और विशेष रूप से संत समाज के लोग इसमें भाग लेंगे.

आपने देखा होगा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटोज में कई साधु और बाबा बड़े-बड़े जटाओं के साथ दिख रहे हैं. ये देख कर सवाल उठता है कि साधु और अघोरी बाबा लंबे बाल क्यों रखते हैं?

साधुओं और महात्माओं के लंबे बाल रखने का कारण धार्मिक और आध्यात्मिक है. हिंदू धर्म में लंबे बालों को आध्यात्मिक ऊर्जा और तपस्या का प्रतीक माना जाता है.

कहा जाता है कि बालों में ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो साधु की ऊर्जा को संचित करता है.

शिव भक्तों के लिए भगवान शिव के जटाजूट का अनुसरण करना एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है. आध्यात्मिक नजरिए से लंबे बाल रखने से साधु अपनी ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं.

इसके अलावा, कुछ जगहों पर यह भी माना जाता है कि बाल शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखते हैं. साधु और महात्मा बालों को प्रकृति का अंग मानते हैं, इसलिए वे बाल नहीं कटवाते.

इतिहास में साधु-महात्मा तपस्या करने के लिए पहाड़ों या अन्य शांत स्थानों पर जाते थे, जहां वे सांसारिक मोह-माया से दूर रहते थे.

तपस्या में लीन हो जाने के कारण उन्हें किसी अन्य चीज की चिंता नहीं होती और वे प्राकृतिक लाइफस्टाइल को अपनाते हैं, जिसमें लंबे बालों का भी महत्वपूर्ण स्थान है.