आपको मालूम है बर्थडे पर मोमबत्तियां जलाकर क्यों काटा जाता है Cake? यहां जानें 

हर किसी को अपने बर्थडे का बेसब्री से इंतजार होता है. यह दिन हर किसी के लिए बहुत खास होता है. 

हालांकि केक काटे बिना बर्थडे अधूरा माना जाता है. अगर बर्थेडे पार्टी में केक ना हो तो शायद ये सब कुछ बेकार लगता. 

लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर बर्थडे केक क्यों काटा जाता है? बर्थडे केक पर मोमबत्ती लगाकर क्यों बुझाई जाती है? आखिर केक काटने का चलन कैसे शुरु हुआ? चलिए जानते हैं इन सबके बारे में. 

इतिहास की माने तो ये रिवाज प्राचीन ग्रीस (यूनान) से आया है. दरअसल ग्रीस के लोग अपने ग्रीक भगवान को खुश करने के लिए उनके पास केक में मोमबत्ती लेकर जाते थे. 

इन्हीं मोमबत्तियों के जरिए ग्रीक भगवान का चिह्न बनाया जाता था. इसके अलावा एक और कहानी है जिसके अनुसार रोमन संस्कृति में शादी के खास मौके पर मेहमानों को केक सर्व किया जाता है. 

यूनानी लोग चंद्रमा की देवी मानी जाने वालीं आर्टेमिस के जन्मदिन पर मोमबत्तियां जलाकर केक काटते थे.

मान्यताओं के अनुसार, देवी आर्टेमिस के जन्मदिन पर लोग गोल केक काटते थे जिसे चंद्रमा का प्रतीक माना जाता था और केक पर लगी मोमबत्तियां उसके प्रकाश को दर्शाती थीं. 

एक अन्य मान्यताओं के अनुसार, साल 1881 में स्विटजरलैंड से मोमबत्ती बुझाने की परंपरा शुरु हुई. उस दौरान मिडिल क्लास लोग अंधविश्वास का पालन करते थे. 

शुरुआत में उन लोगों ने उम्र के हिसाब से मोमबत्ती लगाना शुरु किया. इसके बाद मोमबत्ती को बुझाने की परंपरा शुरु हुई.