सबसे अहम जिम्मेदारी किन्नर ही यह निर्णय लेते थे कि हरम में किसे प्रवेश मिलेगा और किसे नहीं. कई बार तो वे परिवार के सदस्यों को भी हरम में जाने से रोक देते थे.
अकबरनामा में एक प्रसिद्ध किस्सा है कि इतिमाद खान, जो एक किन्नर अफसर थे, एक बार अकबर के सौतेले भाई अधम खान को हरम में प्रवेश करने से रोक दिया था.
मुगल साम्राज्य के दौरान किन्नर विशेष रूप से रानियों की सुरक्षा के लिए तैनात रहते थे, क्योंकि मुगली शासक कभी भी मुगल सेना पर भरोसा नहीं करते थे.
इतिहासकारों के अनुसार, मुगलों का मानना था कि अगर सैनिक हरम में प्रवेश करेंगे, तो महिलाएं उनसे आकर्षित हो सकती हैं. इसी कारण से मुगल बादशाह अपने दरबार में किन्नरों को रखते थे.