क्या आप जानते हैं आखिर क्यों हज के दौरान सफेद कपड़े पहनते हैं? 

हज यात्रा इस्लाम के पांच महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. इस्लाम में मुसलमानों के लिए पांच फर्ज करार दिए गए हैं.

जिसमें हज के अलावा तौहीद या शहादा, नमाज, रोजा और जकात शामिल हैं. हर साल दुनिया के लाखों मुसलमान सऊदी अरब के मक्का-मदीना में हज के लिए आते हैं.

इस्लाम में कहा गया है कि शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम प्रत्येक मुसलमान के लिए हज पर जाना जरूरी है.

हज के दौरान कई रीति-रिवाज और परंपराओं का पालन भी करना पड़ता है. जो सदियों से चली आ रही हैं. इसमें खास पोशाक भी शामिल है.

आपने हज यात्रियों को सफेद कपड़े में देखा होगा. खासकर पुरुष हज यात्रियों को. सफेद कपड़ने पहनना, हज के दौरान पालन किए जाने वाले तमाम परंपराओं में से एक है.

इस परंपरा को 'इहराम' कहते हैं. हज यात्रियों को पवित्र मक्का पहुंचने से पहले रास्ते में इहराम संपन्न करना होता है.

'इहराम' का मतलब है खुद को हर तरह के पाप और गलतियों से दूर करना. इसी क्रम में हज यात्री बिना सिला दो टुकड़े वाला सफेद कपड़ा धारण करते हैं.

इस्लाम के जानकारों के मुताबिक सफेद कपड़ा पहनने का मतलब है कि अब आप ख़ुदा से साक्षात्कार के लिए तैयार हैं.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक हज के दौरान सिर्फ पुरुषों के लिए ही सफेद कपड़े पहनने का नियम है.

महिलाओं के लिए सफेद कपड़े की अनिवार्यता नहीं है. वह किसी भी रंग का ढीला-ढाला कपड़ा पहन सकती हैं.