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यह मानना कि शराब पीने से इंसान सच बोलता है, एक मिथक है. शराब पीने से हमारी सोच और भावनाएं प्रभावित होती हैं, जिससे हम जो बोलते हैं, वो हमारी असल भावनाएं नहीं होतीं हैं.
शराब पीने से लोग अक्सर बेबाक हो जाते हैं और ऐसी बातें कह देते हैं जो आमतौर पर सामान्य हालत में नहीं कहेंगे. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो सच बोल रहे हैं.