क्या मरते वक्त सच में परछाई भी इंसान का छोड़ देती है साथ? यहां जानें सच्चाई

हिंदू शास्त्रों में कहा जाता है मृत्यु इस जीवन का सबसे बड़ा सत्य है. इस दुनिया में जितने भी लोगों ने जन्म लिया है उनकी मृत्यु तय है.

आपने लोगों के मुंह से सुना होगा कि मरते वक्त परछाई भी इंसान का साथ छोड़ देती है लेकिन क्या वाकई में ये सच है? क्या सच में मरते वक्त परछाई इंसान का भी साथ छोड़ देती है? चलिए आपको बताते हैं. 

दरअसल, धर्मों में माना गया है कि इंसान की मौत करीब आने के बाद परछाई साथ छोड़ देती है. 

ऐसा कहा जाता है कि जब कोई इंसान अपने प्रतिबिंब को पानी, तेल और सीसे में देखने में असमर्थता महसूस करने लगे तो यह इस ओर इशारा करता है कि व्यक्ति की मौत अगले 6 महीनों के अंदर होने वाली है. 

इसके अलावा हिंदू शास्त्र के अनुसार अगर किसी इंसान को यह महसूस होने लगे कि उसका मुंह, जीभ, आंख, कान और नाक पत्थर का होते जा रहा है तो उसकी मृत्यु निश्चित होती है. 

साथ ही जब किसी इंसान के बाएं हाथ में अजीब तरह की मरोड़ आने लगे और यह मरोड़ एक हफ्ते से ज्यादा तक है तो समझ लीजिए वह इंसान एक महीने से ज्यादा नहीं जिएगा. 

शास्त्रों में कहा गया है कि जब कोई व्यक्ति चंद्रमा, सूर्य और अग्नि के प्रकाश को देखने में असमर्थता महसूस करने लगे तो यह बताता है कि व्यक्ति जल्द ही मर जाएगा. 

जो लोग अपनी वास्तविक उम्र से ज्यादा जीते हैं उन्हें उनकी छाया दिखाई नहीं देती. लेकिन जिन्हें दिखाई देती है उन्हें धड़ रहित छाया दिखाई देती है जो डरा देने वाली होती है.