दिल्ली-NCR सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में जोरदार सर्दी पड़ रही है. इसके साथ ही कई स्थानों पर देर रात और सुबह के समय घना कोहरा भी छा जाता है, जिसके कारण कई ट्रेनें अक्सर देरी से चल रही हैं. 

ऐसे में कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या ट्रेनों की तरह मेट्रो पर भी कोहरे का प्रभाव पड़ता है? क्या कोहरे के कारण मेट्रो की गति धीमी हो जाती है?

कोहरे में ट्रेनों को सही समय और सुरक्षित तरीके से चलाने के लिए किस तकनीत का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं ट्रेनों की तरह मेट्रो पर भी कोहरे का प्रभाव पड़ता है. 

दरअसल कोहरे के दौरान ट्रेनों को सही समय पर और सुरक्षित रूप से चलाने के लिए फॉग पास डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है.

इसके अलावा, रेलवे लोको पायलटों को कोहरे से सुरक्षा के उपकरण भी प्रदान किए जाते हैं, ताकि वे इंजन में इसका उपयोग कर सकें.

भारतीय रेलवे ने कोहरे के मौसम में सुचारू रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए 19,742 फॉग पास डिवाइस पहले ही उपलब्ध करवा रखते हैं. 

आपको बता दें कई चीजें कंट्रोल रूम से तो कई चीजें ड्राइवर की ओर से कंट्रोल की जाती है, लेकिन इसके बावजूद कोहरे में ड्राइवर को काफी दिक्कत होती है.

कोहरे में विजिबिलिटी कम हो जाती है और ड्राइवर को ट्रैक देखने में मुश्किल होती है. इससे सुरक्षा के कारण ट्रेनें धीमी गति से चलाई जाती है और ट्रेन लेट हो जाती है. 

वहीं कोहरे में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग सिस्टम में भी दिक्कत हो जाती है और दूर से सिग्नल ना देख पाने की वजह से कमांड काफी लेट देने पड़ते हैं और ट्रेन लेट हो जाती है.