क्या सच में मेंढकों की शादी कराने से होती है बारिश? जानें क्या है सच्चाई...

बारिश न होने पर कई लोग तरह-तरह के टोटके करते हैं, जिनमें से एक है मेंढक और मेंढकी की शादी.

भारत के कई इलाकों में बारिश करवाने के लिए इस परंपरा का पालन किया जाता है आइए जानते हैं क्या है ये परंपरा.

मेंढक और मेंढकी की शादी वैसे ही होती है जैसे इंसानों की शादी कराई जाती है. इस शादी में कई तरह कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं.

ये शादी बिल्कुल आम शादी की तरह होती है. इसमें मेंढक अपनी होने वाली पत्नी की मांग में सिंदूर भी भरता है.  मेंढकों को माला पहनाई जाती है, मंत्र बोले जाते हैं.

शादी की सजावट भी जाती है और नाच-गाना भी होता है और मेहमानों के लिए खाने का इंतजाम किया जाता है. इसके बाद शादी पूरी होती है.

शादी होने के बाद मेंढक और मेंढकी के जोड़े को तालाब में छोड़ दिया जाता है. इसके बाद दोनों की शादी को पूरा माना जाता है.

कहते हैं, इसके बाद उस इलाके में बारिश होती है, लेकिन ये चीजें सिर्फ शादी तक ही सीमित नहीं रहती हैं इसके बाद दोनों का तलाक भी कराया जाता है.

मान्यताओं की मानें दोनों की शादी के बाद बारिश हो जाती है और दोनों अलग हो जाते हैं. दोनों के अलग होते ही बारिश रुक जाती है.

कहते हैं जब किसी इलाके में ज्यादा बारिश होने लगती है और बारिश कई दिनों तक नहीं रुकती है तो उनका तलाक कराया जाता है.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर दोनों का तलाक होता कैसे होगा. दरअसल इसके लिए पहले दो मेंढ़क को पकड़ा जाता है और दोनों को अलग-अलग तालाब में छोड़ दिया जाता है.

ऐसे में दोनों बिछड़ जाते हैं और माना जाता है कि उनका तलाक हो गया है. कहा जाता है कि ऐसा करने से बारिश बंद हो जाती है.