देश के 14वें  पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. उन्होंने 26 दिसंबर की रात दिल्ली स्थित एम्स में अंतिम सांस ली. 

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. विभाजन के दौरान उनका परिवार अमृतसर शिफ्ट हो गया था.

पाकिस्तान ने उनकी कई चीजों को अभी तक संजोकर रखा है. पाकिस्तान में एक इमारत भी उनके नाम पर बनाई गई थी.

जब वह भारत के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने पाकिस्तान जाने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसे राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने अपनी किताब Scars of 1947: Real Partition Stories में जिक्र किया था.

आपको बता दें मनमोहन सिंह 2004 में भारत के पहले गैर-हिंदू प्रधानमंत्री बने थे, जिसके बाद उनका पाकिस्तान स्थित गाह गांव सुर्खियों में आया. 

इस संदर्भ में, पाकिस्तान के पंजाब सरकार ने 2007 में गाह गांव को आदर्श गांव बनाने की घोषणा की थी. 

इसके अलावा, जिस स्कूल में मनमोहन सिंह ने अपनी पढ़ाई की थी, उसका नाम बदलकर 'मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज प्राइमरी स्कूल' रख दिया गया.

कहा जाता है कि इस स्कूल के पंजीकरण और परिणामों के रिकॉर्ड आज भी सहेज कर रखे गए हैं. 

गाह गांव के लोग मनमोहन सिंह को याद करते हैं और उनके निधन की सूचना मिलने पर पूरे गांव में शोक की लहर है. 

गांववाले कहते हैं कि मनमोहन सिंह के कारण ही उनका गांव आदर्श गांव की सूची में शामिल हो सका और उसका विकास संभव हो पाया.