हमारी धरती के बारे में जानने के लिए हमारे पास एक खास Navigation System है जो हमारे सेटैलाइट की मदद से चलता है.

लेकिन क्या आपको पता है कि नेविगेशन सिस्टम  (Navigation System) खतरे में हैं और इसकी वजह है पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों (Magnetic Poles) का खिसकना.

जी हां... पृथ्वी का चुंबकीय ध्रुव तेजी से बदल रहा है. भविष्य में पृथ्वी का उत्तरी धुव्र दक्षिणी धुव्र बन जाएगा और दक्षिणी धुव्र उत्तरी धुव्र बन जाएगा. 

चुंबकीय उत्तरी ध्रुव हाल के वर्षों में लगभग 55 किलोमीटर प्रति वर्ष की दर से साइबेरिया की ओर बढ़ रहा है और समय के साथ परिर्वतन की यह गति बढ़ रही है. 

पिछले 20 से 30 सालों से चुंबकीय ध्रुवों की स्थिति खिसक रही है. अब वैज्ञानिकों ने एक शोध में इसकी सही व्याख्या करने का दावा है.

लीड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का मानना है कि उत्तरी (चुंबकीय) ध्रुव अपनी मूल स्थिति बदल रहा है, वहां से खिसक रहा है. 

इस बदलाव के कारण  ही हमें अपने नेविगेशन सिस्टम में बार बार बदलाव करने पड़ रहे हैं. यहां तक कि स्मार्टफोन में भी कुछ जो GPS होता है उसमें भी. 

यह उत्तरी ध्रुव जो अब तक कनाडा के पास था अब उत्तरी अमेरिका महाद्वीप से रूस के साइबेरिया की ओर खिसक रहा है.

दरअसल, पृथ्वी की आउटर कोर का अधिकतर हिस्सा पिघले हुए लोहे से बना है, जब भी इसके बहने के तरीके में बदलाव आता है तो चुंबकीय ध्रुव खिसकने लगते हैं. 

इसे असर को ऐसे समझें कि अगर आपको अपने निजी वायुयान से  केवल दिशा सूचक यंत्र के सहारे दिल्ली से उत्तरी कनाडा को जाना हो तो आप रूस के साइबेरिया के आसपास पहुंच सकते हैं.