चैत्र नवरात्रि पर खरमास का प्रभाव, इन गलतियों से बचें.
इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से आरंभ हो रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इसे चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है.
चैत्र नवरात्र के साथ ही हिंदू नववर्ष का शुभारंभ भी होता है, जिसे अत्यंत पावन और शुभ समय माना जाता है.
चैत्र नवरात्र का मुहूर्त अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस दौरान विभिन्न शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
इस बार चैत्र नवरात्र की शुरुआत खरमास के दौरान हो रही है, जो 14 मार्च से शुरू हुआ था और 14 अप्रैल तक रहेगा.
जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है तो खरमास आरंभ होता है, और यह तब समाप्त होता है जब सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करता है.
इस कारण से नवरात्रि के दौरान कुछ विशेष शुभ कार्य करने से परहेज करना चाहिए.
चूंकि नवरात्र खरमास के दौरान आ रहे हैं, इसलिए गृह प्रवेश और मुंडन संस्कार जैसे कार्यों से बचना चाहिए.
साथ ही, इस अवधि में विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्य भी टालने की सलाह दी जाती है.
खरमास के दौरान नए व्यवसाय की शुरुआत करने या कोई नई संपत्ति खरीदने से बचना चाहिए.