क्या है शत्रु संपत्ति? जिसकी वजह से लगा  सैफ अली खान को, 15000 करोड़  रुपए का  चूना

शत्रु संपत्ति में ऐसी संपत्तियों को रखा गया है जो उन लोगों की होती है जो पाकिस्तान चले गए हैं और भारत की नागरिकता छोड़ दी.

1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद, भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम बनाया तहत ऐसे प्रवासी नागरिकों की संपत्तियां कस्टोडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी नामक संस्था के अधीन आ गईं.

इन संपत्तियों में जमीन, मकान, सोना-चांदी, गहने, और कंपनियों में शेयर जैसी चल और अचल संपत्तियां शामिल हैं

 सैफ अली खान की  मौसेरी नानी और भोपाल नवाब हमीदुल्लाह खान की बेटी अबिदा सुल्तान, भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थीं और वहां की नागरिकता ले ली थी

सरकार ने इसी आधार पर सैफ के फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दारुस सलाम, अहमदाबाद पैलेस, हबीबी बंगला, कोहेफिज़ा जैसी अनेक प्रॉपर्टीज़ को 2014 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया.

सैफ अली खान ने इसके खिलाफ 2015 में कोर्ट का रुख किया और उन्हें अस्थायी राहत भी मिली थी,

लेकिन 13 दिसंबर 2024 को हाई कोर्ट ने वह स्टे हटा दिया, जिससे अब यह संपत्तियां कानूनी रूप से शत्रु संपत्ति के दायरे में आ गई हैं.

जिसकी वजह से 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर उनका अधिकार अब संकट में पड़ गया है.