दिल्ली कूंच के लिए ट्रैक्टर लेकर शंभू बॉर्डर पहुंचे किसान, 70 हजार जवान तैनात
आज किसानों के दिल्ली चलो मार्च की वजह से सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं.
देर रात तक केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक चली.
सरकार ने आंदोलन पर अड़े अन्नदाताओं को समझाने की हर संभव कोशिश की लेकिन 5 घंटे से ज्यादा चली बैठक भी बेनतीजा रही.
उसके बाद किसान नेताओं ने आर-पार की जंग का ऐलान करते हुए कह दिया कि, दिल्ली कूच होकर रहेगा. गाजीपुर, सिंघु, संभू, टिकरी समेत सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
पंजाब के फतेहपुर में किसान नेता लखविंदर सिंह ने कहा, ''...लोग तैयार हैं और बैठक भी हो रही है...हम आम आदमी को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते.
किसान संगठनों द्वारा आज बुलाए गए 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर कर दी है.
केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत विफल होने के बाद शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर पहुंचने शुरू हो गए हैं.
इस विरोध प्रदर्शन के चलते पूरी दिल्ली में धारा-144 भी लगा दी गई है. 12 फरवरी से 12 मार्च तक धारा-144 लागू रहेगी. साथ ही 70 हजार जवान भी तैनीत किए गए है.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पहले ही साफ कर दिया है कि उसने 13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान नहीं किया है और इस विरोध प्रदर्शन से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
किसान आंदोलन के लिए ट्रैक्टरों से कई रिहर्सल कर चुके हैं अब तक ऐसी 40 रिहर्सल और मार्च (हरियाणा में 10 और पंजाब में 30) हो चुके हैं.