देश में पहली बार किसी बौद्ध नेता को बनाया केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री, टूटा पुराना रिकॉर्ड
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के लिए लगातार तीसरी बार शपथ लेकर एक रिकॉर्ड बनाया है.
उन्होंने इसके साथ ही देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की बराबरी कर ली है.
यही नहीं उनकी इस तीसरी सरकार में एक और तथ्य की खूब चर्चा हो रही है.
वह यह कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब केंद्र सरकार में किसी मुस्लिम नेता को मंत्री नहीं बनाया गया.
आमतौर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी किसी मुस्लिम नेता को ही मिलती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी इस बार किरेन रिजिजू को मिली है, जो बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं.
यह भी एक तरह का रिकॉर्ड ही है कि देश में पहली बार किसी बौद्ध नेता को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है.
यही नहीं उनके साथ राज्यमंत्री के तौर पर केरल से आने वाले जॉर्ज कुरियन भी इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे, जो ईसाई धर्म से ताल्लुक रखते हैं.
पहले भाजपा की सरकारों में भी किसी मुस्लिम नेता को ही अल्पसंख्यक मंत्रालय मिलता था, लेकिन यह सिलसिला 2022 में तब खत्म हुआ, जब मुख्तार अब्बास नकवी ने इस्तीफा दे दिया.
उनका राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हो गया था, जिसके चलते उन्हें मंत्री पद भी छोड़ना पड़ा. उसके बाद यह विभाग स्मृति इरानी को दे दिया गया था.