इंटिमेट होने से लेकर पेशाब करने तक... ये हैं दुनियाभर में वसूले गए अजीबो-गरीब Tax
आज हम आपको देश ही नहीं दुनियाभर के उन टैक्सों के बारे में बताने वाले हैं जो बेहद ही अजीबोगरीब हैं. उन्हें लोगों से वसूला भी गया है.
रोम में नौवीं सदी में बैचलर टैक्स लगता था. वहीं इंग्लैंड में एक वक्त पर दाढ़ी वालों को टैक्स देना होता था. आइए जानते हैं इन अजीबोगरीब टैक्स के बारे में.
फ्रांस में एक वक्त पर नमक पर टैक्स लगाया गया था. हालांकि ये टैक्स 1945 में खत्म हो गया था.
1718 में रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने आत्मा पर भी टैक्स लगाया था. ये टैक्स उन लोगों से वसूला जाता था जो आत्मा पर विश्वास रखते थे.
स्तन ढकने पर टैक्स 19वीं शताब्दी में केरल की महिलाओं पर लगाया गया था. केरल में त्रावणकोर के राजा ने कथित निचली जाति की महिलाओं के स्तन ढकने पर टैक्स लगाया था.
डेनमार्क में मवेशियों के गैस छोड़ने पर लगाया जाएगा. इस टैक्स को साल 2023 से वसूला जाएगा.
यूके के प्राइम मिनिस्टर विलियम पिट ने 1784 में पुरुषों की टोपी पर टैक्स लगा दिया था. हालांकि इस टैक्स को 1811 में खत्म कर दिया गया था.
इंग्लैंड और वेल्स के राजा विलियम तृतीय ने 1696 में खिड़कियों पर टैक्स लगा दिया था. जिन भी घरों में 10 से अधिक खिड़कियां होती थीं उन्हें दस शिलिंग टैक्स देना पड़ता था.
रोम के राजा वेस्पेशन ने पब्लिक यूरिनल से यूरिन के डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स की व्यवस्था की थी. इसकी वजह यह थी कि इसमें अमोनिया होता था.
जर्मनी में 2004 में आए टैक्स कानून के तहत हर प्रॉस्टिट्यूट को हर महीने 150 यूरो टैक्स देना पड़ता है.
इंग्लैंड के सम्राट हेनरी अष्टम ने साल 1535 में दाढ़ी पर टैक्स लगा दिया था. इस टैक्स की सबसे अजीबोगरीब शर्त यह थी कि अगर टैक्स वसूली के वक्त कोई घर से गायब मिले तो उसका टैक्स पड़ोसी को देना होता था.
रोम के सम्राट ऑगस्टस ने नौवीं सदी में बैचलर टैक्स लगाया था. यह टैक्स 20 से 60 साल की उम्र तक के लोगों को देना होता था.