जर्मनी ने तुर्की के ‘इमामों’ पर लगा दी रोक, मस्जिदों को लेकर अब क्या होगा?

जर्मनी की इंटीरियर मिनिस्ट्री यानी आंतरिक मंत्रालय ने तुर्की से ट्रेनिंग लेकर जर्मनी आने वाले इमामों पर रोक लगाने की बात कही है.

अभी तक जो व्यवस्था है, उसके मुताबिक जर्मनी अपने यहां के मस्जिदों में तुर्की के इमामों की तैनाती करता है.

नए समझौते के मुताबिक हर साल लगभग 100 इमामों की ट्रेनिंग पश्चिमी शहर डालहेम में होगी. ये ट्रेनिंग तुर्की की ही मदद से कराई जाएगी.

नैंसी फैसर ने कहा है कि हमें ऐसे धार्मिक नेताओं की जरुरत है जो हमारे देश को जानते हों और हमारे मूल्यों के लिए खड़े होते हों. यह अपने देश में मौलवियों की ट्रेनिंग के ही बाद मुमकिन हो सकेगा.

ये इमाम धीरे-धीरे लगभग 1,000 मौलवियों की जगह ले लेंगे. ये सभी 1000 तुर्की में ट्रेनिंग प्राप्त कर बर्लिन गए थे.

जर्मनी में लगभग 55 लाख मुसलमान रहते हैं. यह जर्मनी की कुल आबादी के लगभग 7 फीसदी के आस पास हैं. जर्मनी में लगभग 2,500 मस्जिद हैं.

डीआईटीआईबी तुर्की में धार्मिक मामलों की एक शाखा है लेकिन इस पर हमेशा यह आरोप लगता है कि वह तुर्की सरकार के एक अंग के तौर पर काम कर रही है.

जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल ने बहुत पहले इस बात की आवश्यकता बताई थी कि हमें अपने देश में ही इमामों को ट्रेन किए जाने की जरुरत है.

मर्केल का मानना था कि इस से जर्मनी के लोग और आजादी महसूस कर पाएंगे.