देश में कुत्ता पालने का चलन किस कदर लोकप्रिय होता जा रहा है, यह पिछले एक दशक के टैक्स रिकॉर्ड में नजर आता है.

2013 से 2023 के बीच इस टैक्स से राज्य को होने वाली आमदनी में 41 फीसदी का इजाफा हुआ है.

आपको बता दें कई देशों में कुत्ता पालने पर टैक्स देना पड़ता है. इसे ‘हुंडेशटॉयर’ कहते हैं. इस टैक्स से जर्मनी को खासी कमाई होती है.

भारतीय मुद्रा के हिसाब से 3866 करोड़ रुपए की कमाई. इसके पिछले साल भी इस टैक्स से जर्मनी को करीब इतनी ही मोटी कमाई हुई थी.

दरअसल जर्मनी में अलग अलग नगरपालिकाएं डॉग ओनर्स से टैक्स वसूलती हैं. ये टैक्स कुत्तों के पालने के लिए वसूला जाता है.

आप जिस इलाके में रहते हैं, वहां की नगर पालिका एक सालाना टैक्स लेती है. यह टैक्स कुत्ता पालने पर लिया जाता है. हालांकि पालतू बिल्लियां इस टैक्स के दायरे में नहीं आतीं.

टैक्स की रकम एक जैसी नहीं है, हर म्युनिसिपैलिटी की अपनी फीस है. ये घर में कुत्तों की संख्या या कुत्ते की ब्रीड के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है.

इस टैक्स का कारण क्या है जर्मनी में सड़क किनारे, नदियों के पास बने रास्तों पर या पार्कों में खास कूड़ेदान लगाए जाते हैं. उनमें थैलियां रखी होती हैं, जिसका इस्तेमाल कर कुत्ते का मल कूड़ेदान में डाला जा सकता है.

ऐसा नहीं किया गया, तो पार्क और रास्ते साफ नहीं रहेंगे. सफाई की इस व्यवस्था को बनाए रखने में नगरपालिका की जो लागत आती है, उसकी भरपाई टैक्स से होती है.