Global Warming: सिकुड़ रहे ग्रीनलैंड समेत कई जगहों के ग्लेशियर, अब क्या होगा?
ग्लोबल वार्मिंग का खतरा पूरी दुनिया पर बना हुआ है. इसकी वजह से ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं. साथ ही लगातार मौसम में बदलाव हो रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग का असर डेनमार्क में मौजूद ग्लेशियर पर भी असर पड़ रहा है.
इसकी वजह से डेनमार्क के ग्रीनलैंड ग्लेशियर तेजी से बदलते जा रहे हैं.
1930 के दशक की ग्लेशियर की तस्वीर से अब की स्थिति बहुत अलग है.
पिछले दो दशकों में ग्लेशियर और तेजी से पिघल रहा है.
नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल के एक अध्ययन में पाया गया कि 21वीं सदी के ग्लेशियरों के घटने की दर 20वीं सदी की तुलना में दोगुनी है.
भारत में भी तेजी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं. देश में जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कई जिलों में ग्लेशियर हैं और हर जगह यही स्थिति है.
पिघलते ग्लेशियर्स के नुकसान से अमेरिका भी अछूता नहीं है. वहां अलास्का में मौजूद बैरी आर्म ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है.