ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के लिए बीता दशक पिछले 400 सालों में सबसे बुरा साबित हुआ है. बढ़ता तापमान उसके लिए बड़ा संकट बन कर सामने आया है.
एक स्टडी के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी तट पर 'ग्रेट बैरियर रीफ' के पास पानी का तापमान 400 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.
दरअसल, ग्रेट बैरियर रीफ के शानदार कोरल सिस्टम के आसपास समुद्र का तापमान 1960 के दशक से ही हर साल बढ़ता आ रहा है.
एक नई रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक हाल के वर्षों में कोरल ब्लीचिंग की घटनाएं जिस स्तर पर दिखी हैं उनके पीछे पानी का बहुत गर्म होना वजह है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी की गर्मी बढ़ने के पीछे इंसानी गतिविधियों से प्रेरित जलवायु परिवर्तन है.
आपको बता दें द ग्रेट बैरियर रीफ को दुनिया की सबसे बड़ी जीवित संरचना कहा जाता है. इसका विस्तार 2,300 किलोमीटर में है.
इसमें जैव विविधता की अनोखी दुनिया बसी हैं, जिसमें 600 से ज्यादा प्रकार के कोरल और 1,625 किस्म की मछलियां हैं.
ऑस्ट्रेलिया रिसर्चरों ने कोरल सी में सतह के तापमान का परीक्षण किया है. कोरल सी सागर के उत्तर पूर्वी तट का 2000 किलोमीटर में फैला इलाका है जिसमें ग्रेट बैरियर रीफ भी शामिल है.
वैज्ञानिकों ने कोरल के नमूने ले कर समुद्र के सतह पर 1618 से 1995 तक के तापमान की संरचना बनाई है. इसमें हाल के आंकड़ों को भी शामिल किया गया है.
उन्होंने देखा कि साल 1900 के पहले तापमान तुलनात्मक रूप से स्थिर था लेकिन 1960 से ले कर अब तक समुद्र का तापमान औसत रूप से 0.12 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है.
वैज्ञानिकों को अभी कुछ और महीने ये पता लगाने में लगेंगे कि रीफ का कितना हिस्सा है जो रिकवर नहीं हो पाएगा.