Guru Purnima 2025: 10 या 11 जुलाई कब है गुरु पूर्णिमा? जानें क्यों है ये खास

हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाता है। यह दिन गुरुओं को समर्पित है.

भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है, क्योंकि गुरु ही शिष्य को ज्ञान का मार्ग दिखाते हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई को रात 01 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 11 जुलाई को रात 02 बजकर 06 मिनट पर होगा.

 यह दिन महर्षि वेद व्यास जी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने महाभारत जैसे महान ग्रंथों की रचना की थी.

 इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करके साफ कपड़े पहनें चाहिए और अगर ऐसा मुश्किल है तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए.

घर के मंदिर को साफ कर एक वेदी पर अपने गुरु की प्रतिमा स्थापित करके, गुरु के समक्ष घी का दीपक जलाना चाहिए.

उन्हें सफेद चंदन, अक्षत, फूल, जनेऊ, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाएं जाते हैं.

अंत में गुरु की आरती करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगकर जीवन में सही मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए.

इस दिन अपने गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप या 'ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः', 'ॐ ब्रह्म बृहस्पतये नमः' जैसे मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।

 गुरु पूर्णिमा के  दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं का दान जरूर करना चाहिए.