धरती पर कई जनजात‍ियां हैं, इनमें से कुछ अपनी अजीबो गरीब-प्रथाओं के लिए जानी जाती हैं.

लेकिन आज हम आपको उस जनजात‍ि के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बबून बंदर खाते हैं और ये लोग गंदा पानी पीते हैं. 

इस जनजाति का नाम हड्ज़ा है, जो अफ्रीका तंजानिया की ईयासी झील और उसके आसपास की गुफाएं व दरारें, हजारों सालों से रहते हैं.

हद्जा धरती पर सबसे ज्यादा समय तक शिकार पर जीवित रहने वाली जनजाति है. ये बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग हैं. 

ये जनजाति अभी तक पूरी तरह सभ्य नहीं हुए हैं. इन्हें न तो खेती करनी आती है, न ही मवेशियों की जनसंख्या बढ़ाना, यहां तक खुद के लिए स्थाई घर भी बनाना इनके लिए लोहे के चने चबाने जैसे है. 

नेशनल जियोग्राफिक की रिपोर्ट के मुताबिक, ईयासी झील के आसपास करीब 1,000 हद्जा आदिवासी रह रहे हैं. 

इस जनजाति के लोग शिकार के लिए खुद से बनाई तीर-धनुष का इस्तेमाल करते हैं. हद्जा के लोग बंदर, लंगूर, पक्षी, हिरण और जंगली भैंसों का शिकार कर खुद को जीवित रखते हैं. 

ये हर दिन के पांच घंटे शिकार में ही बीतते हैं. इसके बाद समुदाय के वयस्क पुरुष नशे में समय व्यतीत कर देते हैं. 

माना जाता है कि इनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा, इंसानों के समझ में सबसे पुरानी है. हद्जा के लोग न सिर्फ आवाज निकालकर बाते करते हैं, बल्कि उनकी बोली भी काफी लयबद्ध होती है.