बिना जवाब दिए मिस्र से खाली हाथ लौटा हमास डेलिगेशन? जंग का क्या होगा?

सोमवार को इजराइल द्वारा संघर्ष विराम और बंधको की रिहाई पर दिए गए प्रस्ताव का जवाब देने के लिए हमास डेलिगेशन मिस्र पहुंचा था.

यहां अधिकारियों से मुलाकात कर हमास डेलिगेशन वापस कतर लौट गया है.

संघर्ष विराम वार्ता में शामिल हुए एक सूत्र के हवाले से AFP ने बताया कि डेलिगेशन कतर जाकर प्रस्ताव पर चर्चा करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देगा.

मिस्र की खुफिया एजेंसी से जुड़ी साइट ‘अल-क़ाहेरा’ न्यूज के मुताबिक हमास प्रतिनिधिमंडल सीजफायर डील पर अपना लिखित जवाब भेजेगा.

अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि हमास प्रस्ताव को स्वीकार कर लेगा. बता दें कतर, मिस्र और अमेरिका महीनों से हमास और इजराइल के बीच शांति वार्ता कराने की कोशिशें कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक संघर्ष विराम प्रस्तावों में इजराइली बंधकों की रिहाई के साथ इजराइल की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई भी शामिल है.

नवंबर में हुए एक हफ्ते के संघर्ष विराम के तहत 80 इजराइली बंधकों के इजराइल ने अपनी जेलों में बंद 240 फिलिस्तीनियों को रिहा किया था.

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जंग शुरू होने के बाद से अपने सातवे मध्यपूर्व दौरे पर हैं. वे सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे हैं.

जहां उन्होंने संघर्ष विराम और क्षेत्र में शांति लाने के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ चर्चा की और GCC-US के नेताओं से मिले.

बुद्धवार को ब्लिंकन इजराइल और जॉर्डन के लिए रवाना होंगे. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी हमास से संघर्ष विराम के ऊपर जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया है.

लंबे समय से चले आ रहे इजराइल और फिलिल्तीन विवाद को सुलझाने के लिए यूरोपियन और मध्यपूर्व के नेताओं ने रियाद की बैठक में दो राष्ट्र समझौते पर चर्चा की है.

सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने WEF सभा को बताया कि इस दिशा में ठोस और अपरिवर्तनीय कदम उठाए जाएंगे.