हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा के दिन पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है. हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा को अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना गया है.

AARIKA SINGH

इस वर्ष 12 अप्रैल 2025, शनिवार को हनुमान जयंती मनाई जाएगी, जो इस पर्व के महत्व को और भी बढ़ा रहा है. शनिवार के दिन जन्मोत्सव पड़ना विशेष योग का संकेत है.

57 सालों बाद एक दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग (पंचग्रही योग) बन रहा है, जिसमें हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा. इससे पहले यह संयोग 1968 में बना था.

पंचग्रही योग: इस बार हस्त नक्षत्र में मीन राशि पर सूर्य, शनि, राहु की त्रियुति और शुक्र-बुध का शुभ संयोग बन रहा है, जो धार्मिक एवं आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत फलदायी रहेगा.

हनुमान जन्मोत्सव इस वर्ष शनिवार को पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है. शनि दोष निवारण और कर्ज मुक्ति के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जा रहा है.

इस बार का हनुमान जन्मोत्सव क्यों है खास? मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा से शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि तथा सौभाग्य का प्रवेश होता है.

हनुमान जयंती के दिन श्रद्धालुओं को प्रातः स्नान कर लाल या पीले वस्त्र धारण करने चाहिए और विधिपूर्वक हनुमान जी का पूजन करना चाहिए.

हनुमान जन्मोत्सव पर अपनाएं ये उपाय: दोपहर 11:30 से 12:30 के बीच हनुमान जी को लड्डू और तुलसी पत्र का भोग लगाएं, इससे जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और हनुमत कृपा प्राप्त होती है.

हनुमान जी को अर्पित करें ये वस्तुएं: पहले श्रीराम का ध्यान करें, "श्री रामचंद्र कृपालु भज मन" का जाप करें, फिर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें.

राम स्तुति का महत्व: शास्त्रों के अनुसार, "जो शत बार पाठ कर जोई, छूटहि बंदि महा सुख होई" यानी जो व्यक्ति 100 बार राम स्तुति का पाठ करता है, वह सभी बंधनों से मुक्त होकर महान सुख प्राप्त करता है.