उत्तराखंड की इस जगह से हनुमान जी लाए थे संजीवनी बूटी, जानें क्या है नाम
आज हम आपको उत्तराखंड की एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जो पहाड़ों की वजह से नहीं बल्कि फूलों के कारण मशहूर है
चारों तरफ से फूलों से घिरा होने के कारण इस जगह को 'वेली ऑफ़ फ्लॉवर' कहा जाता है
वेली ऑफ़ फ्लॉवर उत्तराखंड के चमोली जिले में आता है. ये घाटी कुछ महीनों के लिए खुलती है.
इस दौरान यहां देश और विदेश से कई पर्यटक आते हैं. इन महीनों में इस घाटी की प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती है
'वेली ऑफ़ फ्लॉवर' समुद्र तल से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकर्स दोनों को अपनी तरह आकर्षित करती है
यहां वह सब कुछ है जो आप छुट्टियों में चाहते हैं- पहाड़ की चोटियां, झीलें, नदियां और घाटियां. फूलों की यह घाटी हिमालय की तलहटी में बसी है
यह अपने बहुरंगी घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है. यह सबसे ऊंचाई पर स्थित घास का मैदान है, जहाँ मार्च से नवंबर तक 500 से ज़्यादा किस्म के फूल खिलते हैं
यह घाटी पृथ्वी पर सबसे ठंडी जगहों में से एक में स्थित है और यहां बहुत कम बारिश होती है. इस जगह को 2002 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था
वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि हुनमान जी लक्ष्मण जी को बचाने के लिए यहीं से संजीवनी बूटी लाए थे.