क्या DeepFake बन गया है चुनावी हथियार! पब्लिक से लेकर हर कोई हो रहा शिकार 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो चिंता जताई थी, वो अब बड़ी होती जा रही है.

उन्होंने पिछले साल दिसंबर में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में कहा था कि डीपफेक पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है.

ये बात धीरे-धीरे सच साबित होती जा रही है. खासकर लोकसभा चुनाव में इस तकनीक का इस्तेमाल करके लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है.

इस लोकसभा चुनाव में डीपफेक तकनीक के जरिए फेक वीडियो के शिकार सबसे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बने हैं.

उनका आरक्षण को खत्म करने से संबंधित एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है. 

इससे पहले फिल्म अभिनेता आमिर खान और रणवीर सिंह भी फर्जी वीडियो का शिकार हो चुके हैं. वीडियो में दोनों वोट मांगते हुए नजर आए थे. 

लेकिन अब लोकसभा चुनाव में डीपफेक की मदद से लोगों को वीडियो और ऑडियो के साथ इस तरह से छेड़छाड़ करके वीडियो-फोटो पहुंचाई जाने लगी हैं. 

रिपोर्ट बताती है कि पिछले 12 महीनों में 75 फीसदी से अधिक भारतीय किसी न किसी रूप में डीपफेक वीडियो-फोटो के संपर्क में आए है. 

22 फीसदी लोगों ने कहा है कि उनके पास किसी नेता का डीपफेक वाला वीडियो, ऑडियो पहुंचा है, जिसे एक बार तो वो असली ही समझ बैठे.