कभी सोचा है आखिर कैसे क्राइम की दुनिया से जुड़ गया 'सुपारी' शब्द? यहां जानें
लेखक और पत्रकार हुसैन जैदी की किताब ‘डोंगरी टू दुबई’ में बताया गया है कि सुपारी शब्द मुंबई में माहिम प्रांत के राजा भीम से आया है.
भीम माहेमी आदिवासी समुदाय के मुखिया हुआ करते थे, जो मुंबई में माहिम प्रांत के राजा भी थे. उनके कबिले में एक दिलचस्प प्रथा थी.
दरअसल वो अपनी सभा में कुछ लोगों को बुलाते थे और वहां योद्धाओं को जमकर खाना खिलाया जाता था.
इसके बाद सभा के बीच में पान और सुपारी रखी जाती थी, जब कोई योद्धा इस सुपारी को उठा लेता था तो उसे ही वो मुश्किल काम करने के लिए सौंपा जाता था.
सुपारी और अपराध का नाता कैसे जुड़ा, इस बारे में कई कहानियां भी प्रचलित हैं.
कुछ लोगों का मानना है कि पुराने समय में जब लोग किसी अपराध के लिए किसी को किराए पर लेते थे, तो उसे एक सुपारी दी जाती थी.
यह सुपारी एक तरह का टोकन हुआ करता था जो यह दर्शाता था कि काम पूरा हो गया है.
एक अन्य कहानी के अनुसार, सुपारी देने का चलन गुजरात से शुरू हुआ था. यहां पर अपराधियों के बीच सुपारी देना एक आम बात थी.
जब कोई अपराध होता था, तो अपराधी को एक सुपारी दी जाती थी और बदले में वह अपराध को अंजाम देता था.