आपने कभी सोचा है अगर सूमो पहलवान को कहा जाता है तो ये नाम गाड़ी का कैसे पड़ा?

भारत देश में हिन्दुस्तान मोटर्स ने सबसे पहले एंबैसेडर कारों का निर्माण कोलकाता मे शुरू किया था.

लेकिन उस समय उन्हें टेक्निकल चीजों में लंदन के मॉरिस मोटर्स की सहायता लेनी पड़ती थी.

भारत में बनने के बावजूद, लंदन के मॉरिस मोटर्स की सहायता लेने के कारण एंबैसेडर कार पूरी तरह स्वदेशी कार नहीं थी.

भारत की सबसे पहली स्वदेशी कार टाटा ग्रुप ने बनाई थी. सन 1998 के जिनेवा मोटर शो में टाटा ने अपनी इंडिका गाड़ी को लॉन्च किया था.

जिसे पहली स्वदेशी कार माना गया और यह कार सन 1999 में मार्केट में लॉन्च हुई थी.

टाटा सूमो कार गैंडे जैसी दिखाई देती है और बहुत शक्तिशाली कार मानी जाती है.

इसलिए कुछ लोगों का मानना है ये नाम जापानी सूमो पहलवानों के नाम पर रखा गया था? जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है.

आपको बता दें कि सूमो कार का नाम टाटा मोटर्स के पूर्व एमडी सुमंत मूलगांवकर के नाम पर रखा गया था.

उनके पहले और दूसरे नाम के दो - दो अक्षरों को मिलाकर ही सूमो (su mo) नाम रखा गया था.