कभी सोचा है कोल्ड ड्रिंक की बोतल नीचे से क्‍यों नहीं होती फ्लैट? यहां जानें

आप चाहें क‍िसी मॉल में शॉपिंग करने जाएं या ग्रॉसरी स्‍टोर, में कोल्‍ड्र‍िंक्‍स की बोतलें तो आपने खूब देखी होंगी.

लेकिन क्‍या आपने कभी इस बात पर गौर क‍िया है कि आखिर इन बोतलों का तला यानी बॉटम कभी सपाट क्‍यों नहीं होता?

हमेशा Cold Drink की प्‍लास्‍ट‍िकी की बोतलों का तला स्‍पाइक के स्‍टाइल का होता है. जबकि वहीं अगर आप क‍िसी पानी की बोतल खरीदते हैं, तो उसका तला हमेशा सपाट ही होता है.

तो आखिर प्‍लास्‍ट‍िक की कोल्‍ड्र‍िंक्‍स की बोतलों का ये अंदाज क्‍यों है? आइए आपको बताते हैं.

कोल्ड्रिंक की बोतल का अनोखा आकार और ड‍िजाइन उसकी ब्रांड पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

लेकिन जब ड‍िजाइन की बात करें तो से स्‍पाइक स्‍टाइल का बॉटम स‍िर्फ स्‍टाइल ही नहीं बल्‍कि इसके पीछे का ड‍िजाइन साइंस है.

दरअसल इसके पीछे की वजह है कोल्‍ड्र‍िंक्‍स की गैस. असल में कार्बोनेटेड पेय यानी कोल्ड्रिंक में दबाव होता है, जो फ्लैट तल वाली बोतलों पर अधिक दबाव डाल सकता है.

ऐसे ड‍िजाइन की असली वजह होती है कि जब सॉफ्ट ड्रिंक को ठंडा क‍िया जाता है तो उसके वॉल्‍यूम में बदलाव होता है.

क्‍योंकि इनमें गैस होती है तो इस तरह के ड‍िजाइन से बोतल वॉल्‍यूम बढ़ने पर एडजस्‍ट हो जाती है और प्रेशर कंट्रोल हो जाता है.

इसके साथ ही इन बोतलों के नीचे वाले ह‍िस्‍से को ऊपर वाले ह‍िस्‍से से ज्‍यादा टाइट भी बनाया जाता है. इससे बोतल आसानी से प्रेशर झेल पाती है.