कभी आपने सोचा है आखिर क्यों कोई भी एक्सपेरिमेंट चूहों पर किया जाता है? जानें
चूहे और इंसान एक-दूसरे से बहुत अलग हैं, लेकिन उनके जीनोम में काफी समानताएं हैं. चूहे और इंसान दोनों ही कमाल के कृमिक जीव हैं, जिनका DNA काफी हद तक समान होता है.
आसान भाषा में कहें तो चूहे और इंसान के शरीर में बहुत सी जैविक प्रक्रियाएं और सिस्टम एक जैसे होते हैं.
जैसे- चूहे और इंसान दोनों में इम्यून सिस्टम, दिमाग की बनावट, हार्मोनल सिस्टम और ऑर्गन फंक्शन काफी हद तक समान होते हैं.
यही वजह है कि इंसानों पर एक्सपेरिमेंट करने से पहले चूहों पर एक्सपेरिमेंट किया जाता है. इससे पता चल जाता है कि एक्सपेरिमेंट के परिणाम इंसान के शरीर पर कैसे प्रभाव डालेंगे.
चूहों और इंसानों में समानता के अलावा एक और कारण है जिसकी वजह से वैज्ञानिक लैब में चूहों का इस्तेमाल करते हैं.
वो यह है कि इन पर किसी भी एक्सपेरिमेंट का असर बहुत तेजी से होता है. इसकी वजह से वैज्ञानिकों को दवाओं के प्रभाव का असर जल्दी मापने का अवसर मिलता है.
चूहे ऐसे जीव हैं जो लैब में एक नियंत्रित वातावरण में रखे जा सकते हैं. यहां उनके आहार, जीवनशैली और बर्ताव के सभी पहलुओं पर आसानी से नजर रखा जा सकता है.
इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलती है आहार, मौसम यहां तक कि एयर क्वालिटी भी एक्सपेरिमेंट पर किस तरह का प्रभाव डालते हैं.
इसके अलावा चूहों का एक्सपेरिमेंट के लिए इसलिए भी इस्तेमाल होता है, क्योंकि उनका जीवनकाल कम होता है और वह तेजी से ब्रीड करते हैं.