कभी सोचा है आखिर आंखों को बंद करके ही क्यों सो पाते हैं लोग? यहां पर जानें

आमतौर पर इंसान को सोने के लिए अपनी आंखें बंद करनी पड़ती हैं, लेकिन कुछ लोग आंखें खोलकर भी सोते हैं.

ये एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसके पीछे साइंस क्या है ये जानना दिलचस्प है. जब इंसान सोता है, तो उसकी आंखें Automatically बंद हो जाती हैं और जब वह उठता है, तो उसकी आंखें खुल जाती हैं.

हालांकि, कुछ Exceptions में कुछ लोग आंखें खोलकर सो सकते हैं. ये स्थिति से हद से ज्यादा थकान के कारण होती है, जब शरीर को पूरी नींद की जरुरत होती है और आंखें बंद हो जाती हैं.

वैज्ञानिक नजरिए से आंखों का बंद होना शरीर को आराम करने में मदद करता है और नींद की प्रक्रिया को आसान बनाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में 20% लोग ऐसे हैं जो अपनी आंखें खुली रखकर सोते हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं.

इस स्थिति को मेडिकल भाषा में 'नॉक्टर्नल लैगोफथाल्मोस' कहा जाता है, जिसमें सोते वक्त आंख पूरी तरह से बंद नहीं होती.

ये भी एक असामान्य स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को खुद भी ये नहीं पता चलता कि उसकी आंखें खुली हुई हैं.

कुछ लोगों को ये समस्या जन्म से होती है, जैसे पलक की समस्याओं के कारण उनकी आंखें पूरी तरह बंद नहीं हो पातीं.

हालांकि, ये स्थिति समय के साथ स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है. लैगोफथाल्मोस की समस्या से प्रभावित लोग अक्सर आंखों में सूजन, जलन और सूखेपन का सामना कर सकते हैं.