आपने कभी सोचा है आखिर हिल स्टेशन पर क्यों होते हैं मॉल रोड, यहां जान लीजिए
रिपोर्ट्स के अनुसार, 17वीं सदी में मॉल रोड उस सड़क को कहा जाता था, जहां लोग टहलने जाते थे और आसपास मनोरंजन से जुड़ी दुकानें होती थीं.
18वीं सदी में अंग्रेजों ने इस तरह की सड़कें पहाड़ी क्षेत्रों में बनाई थीं, खासतौर पर भारत में, जहां वे गर्मी से बचने के लिए आते थे.
इन सड़कों का उद्देश्य सामाजिक मिलन-जुलन और मनोरंजन के लिए था. लोग यहां एक-दूसरे से मिलते, टहला करते और रेस्टोरेंट, दुकानें आदि का आनंद लेते थे.
मॉल रोड का नाम "मॉल" शब्द से आया, जो ब्रिटिश मिलिट्री द्वारा दिया गया था.
"मॉल" का मतलब था "MARRIED ACCOMMODATION AND LIVING LINE ROAD" (शादीशुदा अफसरों का आवास और जीवनरेखा रोड), जिसे बाद में शार्ट में "मॉल रोड" कहा जाने लगा.
इस रोड पर ब्रिटिश अफसरों के लिए अलग-अलग इलाके निर्धारित थे, एक तरफ शादीशुदा और दूसरी तरफ अविवाहित अफसर रहते थे.
समय के साथ, मॉल रोड शहरों की लाइफलाइन बन गई, जहां जरूरी इमारतें जैसे पुलिस स्टेशन, अस्पताल और पोस्ट ऑफिस होते थे.
आज के समय में मॉल रोड पर गाड़ियों का प्रवेश मुश्किल होता है और यहां लोग पैदल चलते हैं ताकि इसकी खूबसूरती बनी रहे.
शिमला का मॉल रोड भारत में सबसे खूबसूरत माना जाता है, जबकि मसूरी का मॉल रोड भी आकर्षक है.