आपने कभी सोचा है ठंड के मौसम में रजाई से बाहर क्यों नहीं निकल पाते हैं आप? जानें
सर्दियों के मौसम में गर्म रजाई में सोना कितना अच्छा लगता है, ये तो हम सभी जानते हैं.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ठंड के मौसम में रजाई से बाहर निकलना इतना मुश्किल क्यों होता है? चलिए आज हम इस सवाल का जवाब जानते हैं.
हमारे शरीर का तापमान लगभग 37 डिग्री सेल्सियस होता है. शरीर के अंदर एक जटिल तंत्र होता है जिसे थर्मोरेग्यूलेशन कहते हैं.
यह तंत्र हमारे शरीर के तापमान को स्थिर रखने का काम करता है. जब बाहर का तापमान कम होता है तो हमारा शरीर अपनी गर्मी को बचाने के लिए कई तरह के उपाय करता है.
जैसे जब बाहर का तापमान कम होता है तो शरीर की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे गर्मी शरीर के अंदर ही रहती है.
ठंड लगने पर हमारे शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है ताकि शरीर के चारों ओर एक हवा की परत बन जाए जो शरीर की गर्मी को बाहर जाने से रोके.
इसके अलावा जब तापमान बहुत कम होता है तो शरीर कंपन करने लगता है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर गर्मी पैदा करता है.
रजाई एक तरह का इन्सुलेटर होती है. यह शरीर से निकलने वाली गर्मी को रोककर हमारे शरीर को गर्म रखती है. जब हम रजाई में सोते हैं तो हमारा शरीर एक आरामदायक तापमान पर होता है. रजाई के अंदर का तापमान हमारे शरीर के तापमान के लगभग बराबर होता है.
जब हम रजाई से बाहर निकलते हैं तो हमें ठंड का अहसास होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाहर का तापमान हमारे शरीर के तापमान से काफी कम होता है.
इस तापमान के अंतर के कारण हमारा शरीर गर्मी खोने लगता है और हमें ठंड लगती है. इसके अलावा ठंड के मौसम में रजाई से बाहर निकलने में कठिनाई का एक मनोवैज्ञानिक कारण भी होता है.
जब हम गर्म रजाई में सोते हैं तो हमें बहुत आराम मिलता है और हम आलसी हो जाते हैं. इस स्थिति में हम अपने आप को गर्म रखने के लिए रजाई में ही रहना चाहते हैं.