यहां सैनिकों के कॉलर पर लगी होती है पिन, दर्द झेलकर करते हैं काम, जानें वजह

सैनिकों के अनुशासन, बहादुरी और निडरता को देखकर लोग हैरान होते हैं, पर ये नहीं सोचते कि आखिर उन्हें इतने हुनर को सीखने और अपने अंदर ढालने में कितना समय लगता होगा. 

कितनी मुश्किल से वो इस काबिल बनते होंगे कि सिपाही बनकर देश की सेवा कर सकें? हर देश के सैनिकों को ट्रेन करने की अपनी अलग टेक्नीक होती है. 

चीनी सैनिकों के लिए एक बात काफी प्रचलित है. वो ये कि उनकी वर्दी के कॉलर में पिन लगी होती है. वो उन्हें चुभती भी रहती है, मगर दर्द झेलते हुए उन्हें नौकरी करनी पड़ती है. 

ऐसे में आज हम आपको इसका कारण बताने जा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट अक्सर वायरल होते रहते हैं, जिसमें ये दावा किया जाता है कि चीनी सैनिकों की वर्दी के कॉलर पर पिन लगी होती है. 

स्नूप्स नाम की वेबसाइट ने इस दावे का फैक्ट चेक भी साल 2019 में पोस्ट किया था. उनके अनुसार वायरल फोटोज और दावा दोनों ही सही है कि चीनी सैनिकों की वर्दी के कॉलर पर पिन लगी होती है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर वो ऐसा क्यों करते हैं? वहां के सैनिक इतने दर्द में नौकरी क्यों करते हैं? द न्यूयॉर्क टाइम्स की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार वहां के सैनिकों को ऐसी ट्रेनिंग खास मकसद से दी जाती है. 

दरअसल, ये ट्रेनिंग केवल उन्हीं सैनिकों को दी जाती है, जिनके बॉडी की मुद्रा सीधी नहीं होती है. यानी वो अपनी गर्दन को सीधा नहीं रखते.

ये ट्रेनिंग केवल उन्हीं सिपाहियों को दी जाती है. गर्दन जरा भी झुकाने या टेढ़ा करने की गुंजाइश नहीं होती, क्योंकि पिन उन्हें चुभ जाती है, जिससे उन्हें दर्द महसूस होने लगता है. 

गर्दन को सीधा रखने के लिए पुलिसकर्मी कई अन्य तरह की टेक्नीक भी अपनाते हैं. इसमें एक खास टेक्नीक होती है कि अपनी टोपी को उल्टा सिर पर रखना, जिससे वो जमीन पर न गिरे. इसे भी बैलेंसिंग की प्रैक्टिस की जाती है.

चीन के लोगों को बेहद अनुशासित माना जाता है. इस वजह से छोटे बच्चों को खेल की प्रैक्टिस के दौरान कड़ा अनुशासन और ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसी रोचक स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें.