क्या आप जानते हैं कि भारत में सिक्कों का प्रचलन कब शुरू हुआ, और भारतीय मुद्रा को रुपया नाम किसने दिया?

आधुनिक युग — जिसे भारतीय धर्मग्रंथों में कलयुग कहा गया है, इस युग में सिक्कों से चीजें खरीदने का चलन सदियों से है

ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर यह कहा जाता है कि भारत में पहली बार सिक्के यवनों ने चलाए

पहली बार सोने के सिक्के कुषाण काल में चले

शीशे के सिक्के सबसे पहले सातवाहन वंश के राजाओं ने चलाए थे

भारत में मौर्य काल में सिक्कों को 'पण' कहा जाता था

गुप्त काल में सोने के सिक्के को दीनार तथा चांदी के सिक्के को रूपक कहा गया

चोल वंश के राजाओं के काल में सिक्कों को - "काशु" कहते थे

सिक्कों पर हिंदू देवी-देवताओं की छवि का अंकन कुषाण शासक "हुविष्क" द्वारा किया गया

इस्लामिक शासक इल्तुतमिश द्वारा चांदी का टका और तांबे का जीतल चलाया गया

बाबर द्वारा भारत में शाहरुख नामक चांदी का सिक्का चलाया गया, वहीं मुद्रा को रुपया नाम शेरशाह सूरी ने दिया 

"टकसाल" अंग्रेजों की करेंसी थी. इसके अलावा देश में "गिल्डर" डचों की करेंसी थी