ये चीटियां भी मधुमक्खियों की तरह बनाती हैं शहद, क्या है हनी बनी एंट?

शहद को ऐसे तो औषधीय गुणों का खजाना माना जाता है. हालांकि ये शहद मधुमक्खियों द्वारा बनाया जाता है. 

लेकिन आज हम आपको जिस शहद के बारे में बताने जा रहे हैं वो मधुमक्खियों द्वारा नहीं बल्कि चीटियों द्वारा बनाया जाता है. 

विशेषज्ञों का मानना है कि इस चीटीं द्वारा बनाए गए शहद से डायबिटीज के मरीजों का इलाज हो सकेगा. इन चींटियों को हनीपॉट ऐंट्स के नाम से जाना जाता है. 

यूरोप के वैज्ञानिकों का मानना है कि इन चीटियों द्वारा बनाया गया यह शहद जैसा मीठा पदार्थ डायबिटीज के साथ-साथ अन्य बीमारियों के इलाज में भी मदद करेगा. 

हनीपॉट ऐंट्स को लेकर कहा जाता है कि ये चींटियां शहद का निर्माण तब करती हैं जब उनकी कॉलोनियों में खाने की कमी हो जाती है. 

इन चींटियों का साइंटिफिक नाम Camponotus inflatus है यह चीटियां मधुमक्खियों की तरह ही फूलों से शहद बनाती हैं. 

हनी पॉट चींटियां फूलों के पराग को अपने पेट के निचले हिस्से में इकट्ठा करती रहती हैं और जब यह पूरी तरह से भर जाता है तब फट जाता है. 

कई बार ये चींटियां अपने पेट को शहद से इतना भर देती हैं कि वह फूल कर चमकने लगता है. जब ऐसी स्थिति में चींटियां पहुंच जाती है तब अपनी कॉलोनी के छतों पर लटक जाती हैं. 

दुनियाभर में शहद बनाने वाली यह चींटियां इतनी ज्यादा लोकप्रिय है कि इन पर डॉक्यूमेंट्री भी बन गई है. साल 1990 मे डेविड एटनबॉरो ने इन चींटियों पर ट्रायल्स ऑफ लाइफ नाम की डॉक्यूमेंट्री बनाई थी. 

विशेषज्ञों द्वारा जब इन चींटियों के शहद का परीक्षण किया गया तो पता चला कि यह सामान्य शहद से थोड़ा पतला और हल्का कसैला स्वाद का होता है. 

वहीं पूरी दुनिया में चींटियां केवल ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, मेक्सिको और अफ्रीकन कॉन्टिनेंट में ही पाई जाती हैं.