कैसे और कितने साल बाद होती है एफिल टॉवर की पेंटिंग, जानें कितना आता है खर्च?

एफिल टॉवर की पेंटिंग एक चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण काम है, जिसे नियमित रूप से किया जाता है ताकि इसे सुरक्षित और मजबूत रखा जा सके.

इस लोहे की इमारत को जंग से बचाने के लिए पेंट के कई कोट लगाए जाते हैं. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.

एफिल टॉवर के इंजीनियर गेस्टोव एफिल ने अपनी किताब 'द 300-मीटर टॉवर' में लिखा था कि धातु के कामों के संरक्षण में पेंटिंग जरुरी है और जितनी सावधानी से पेंटिंग की जाएगी टॉवर उतना लंबा चलेगा.

वहीं बता दें, अब तक एफिल टॉवर को 19 बार पेंट किया जा चुका है और औसतन हर सात साल में इसकी पेंटिंग की जाती है.

पेंटिंग के दौरान पेंटर्स टॉवर के पूरे 300 मीटर एरिया का निरीक्षण करते हैं और जंगरोधी मटीरियल लगाने के बाद ही पेंट का कोट चढ़ाया जाता है.

ये काम आज भी मैन्युअल रूप से किया जाता है, जैसा गेस्टोव एफिल ने चाहा था. एफिल टॉवर की पेंटिंग में लगभग 50 पेंटर्स काम करते हैं और हर बार 60 टन पेंट की जरूरत होती है.

इस दौरान टॉवर के चारों ओर 55 किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया जाता है. एक बार की पेंटिंग को पूरा करने में 18 महीने से लेकर 3 साल तक का समय लगता है.

इस तरह की पेंटिंग का खर्च लाखों यूरो तक होता है, जो इस ऐतिहासिक संरचना की सुरक्षा के लिए जरूरी है.