नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है. मोदी के साथ-साथ 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली

इन 71 मंत्रियों में से 30 से कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले और 36 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है. इनमें 27 ओबीसी से हैं जबकि 10 एससी वर्ग से आते हैं. 

इसके साथ-साथ मोदी कैबिनेट में 18 सीनियर नेताओं को भी जगह दी गई है. दो पूर्व सीएम को भी मोदी सरकार में शामिल किया गया है. 

इसके साथ-साथ एनडीए सहयोगी दलों के कई सीनियर नेताओं को भी मंत्री बनाया गया है.

सब पार्टियां केंद्र में ज्यादा से ज्यादा और महत्वपूर्ण मंत्री पद पाना चाहती हैं. लेकिन केंद्र में कुल कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं? आइए समझते हैं.

संविधान के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल में सदस्यों की कुल संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या के हिसाब से तय होती है. 

लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. यानी लोकसभा में 543 सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी मंत्री केंद्र में हो सकते हैं. 

यानी इस आधार पर प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में 81-82 मंत्री अधिकतम हो सकते हैं.

भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्रालयों के महत्व और कार्यभार को देखते हुए तीन तरह के मंत्री बनाए जाते हैं. इनमें कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं. 

इनमें से सबसे ज्यादा महत्व कैबिनेट मंत्री का होता है. कैबिनेट मंत्री अपने मंत्रालय के मुखिया होते हैं और ये सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं.