Waqf Act में कितनी बार हो चुका है बदलाव और क्यों बनाया गया था ये कानून? जानें 

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो चुका है. यह सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा. 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बजट सत्र के दौरान वक्फ संशोधन बिल ईद के बाद पेश किया जा सकता है, जिस पर काफी हंगामा मचने के आसार हैं.

बता दें, वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रदर्शन भी किया है. आइए जानते हैं वक्फ एक्ट कब और क्यों बनाया गया था और इसमें कितनी बार बदलाव हो चुका है.

वक्फ में मिलने वाली जमीन या संपत्ति की देखरेख के लिए एक कानूनी संस्था है, जिसे वक्फ बोर्ड कहते हैं.

देश की आजादी के बाद जब बहुत से मुस्लिम भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए तो उनकी संपत्तियों की देखरेख के लिए एक संस्था बनाई गई, जिसे वक्फ बोर्ड कहा गया. 

1954 में वक्फ एक्ट 1954 के नाम से एक कानून बनाया गया. इस एक्ट के प्रावधानों के तहत ऐसी संपत्तियों का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड को दे दिया गया. 

हालांकि, इसे जल्द ही निरस्त कर दिया गया और इसके बाद इसमें संशोधन कर फिर से पारित किया गया. 

कानून में बदलाव कर हर राज्यों में वक्फ बोर्ड बनाए जाने का नियम लाया गया. वर्तमान में करीब 32 वक्फ बोर्ड हैं. इनका काम वक्फ संपत्तियों की देखरेख और रजिस्ट्रेशन करना है.

वक्फ एक्ट में दो बार संशोधन किया गया. पहली बार 1995 में पुराने कानून को निरस्त कर दिया गया और एक नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया. इसके तहत वक्फ बोर्डों को असीमित शक्तियां प्रदान की गईं. 

1995 में हुए संशोधन के तहत वक्फ अधिनियम की धारा 3 में कहा गया कि यदि वक्फ सोचता है कि भूमि किसी मुस्लिम की है तो यह वक्फ की संपत्ति है. वक्फ को इस बारे में कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है. 

इसके बाद इसमें दूसरा संशोधन 2013 में किया गया. इस अधिनियम में संशोधन कर वक्फ बोर्डों को असीमित अधिकार दिए गए.