कैसे मिलती है ISRO में नौकरी, जानें सैलरी से लेकर सब कुछ
आदित्य एल 1 को पिछले साल 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था.
125 दिन लंबे सफर को पूरा करने के बाद यह 6 जनवरी 2024 को शाम 4 बजे L1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा.
इसरो के सूर्य अभियान यानी आदित्य एल 1 की लैंडिंग की चर्चा के बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि इसमें में नौकरी कैसे मिलती है.
इसरों में स्पेस साइंटिस्ट की नौकरी मिलती है. इस पद के लिए आपको इंजीनियरिंग या साइंस का कोर्स करना होगा.
इसरो आमतौर पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एस्ट्रोनॉमी विज्ञान, भौतिकी या गणित में पीएचडी के साथ पेशेवरों की भर्ती करता है.
इसरो के वैज्ञानिको को सभी भत्ते लाकर शुरुआत में 95,059-1,07,635 रुपये सैलरी मिलती है.
स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए तीन साल का बीएससी और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक का कोर्स होता है.
इसरो और बेंगलुरु स्थित आईआईएससी में ये कोर्स कराए जाते हैं.
इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है.