AI के इस दौर में अपने डेटा को कैसे रखें Safe & Secure? यहां जानें
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर चल रहा है जो लोगों के एक वरदान बनकर उभरा है. AI ने हमारे रोजमर्रा के कई काम में हमारा साथ दिया है.
वर्चुअल अस्सिटेंट हो या इमेज रिकग्निशन, एआई हर काम आसानी से कर सकता है. लेकिन इसके साथ कई खतरे भी हैं.
कई बार ऐसा सामने आया है जिसमें कहा जाता है कि एआई के साथ हमारी पर्सनल जानकारी सुरक्षित नहीं है और इन्हें आसानी से हैकर्स द्वारा हैक किया जा सकता है.
ऐसे में AI के युग में अगर आपको अपनी निजी जानकारी हैक होने से बचानी है तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा.
अगर आप डेटा को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो सबसे पहले ऑनलाइन जितना कम हो सके उतना कम डाटा शेयर करें.
इसके बाद अपने अकाउंट्स पर यूनीक और मुश्किल पासवर्ड सेट करें जिन्हें हैक करना आसान न हो और साथ ही टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को ऑन करें.
सेंसिटिव डाटा के लिए एंड टू एंड एनक्रिप्शन का इस्तेमाल करें. इसके अलावा वीपीएन और सिक्योर वाई-फाई नेटवर्क्स का इस्तेमाल करें जिससे नेटवर्क सिक्योर रहे.
फिशिंग अटैक, फेक वेबसाइट्स और ईमेल्स से सावधान रहें. अपने बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और सोशल मीडिया अकाउंट्स को लगातार मॉनिटर करें.
अपने डिवाइसेज के सॉफ्टवेयर को हमेशा अप टू डेट रखें. साथ ही डिवाइस में हमेशा एंटीवायरस इंस्टॉल रखें.
ऑनलाइन डिटेल्स शेयर करते हुए व्यक्तिगत डाटा को गुमनाम करने के लिए टूल्स का इस्तेमाल करें. जहां आप डिटेल्स शेयर कर रहे हैं उनकी पॉलिसीज को अच्छे से पढ़ें.
सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निजी डाटा को कम शेयर करें. डाटा उल्लंघनों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए AI-ऑपरेटेड सिक्योरिटी टूल्स का इस्तेमाल करें.
पासवर्ड के बजाय बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें. जरूरी डाटा का लगातार बैकअप लें. AI आधारित डाटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी पर अपडेटेड रहें.