वोट करने के बाद स्लिप मिले तो कैसा रहेगा? चुनाव आयोग ने किया खुलासा
ईवीएम से वोटिंग पर सवाल उठाने और हर मतदाता को उसके दिए वोट की जानकारी मिलने को लेकर दाय अर्जी पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस हुई
इस मामले में याची वकीलों ने कहा कि लोकतंत्र में मतदाता को यह हक है कि वह जाने कि उसका दिया मत सही जगह पर पहुंचा है या नहीं
इस मामले में पक्ष रखते हुए वकील निजाम पाशा ने कहा कि वोटर को यह अधिकार मिलना चाहिए कि
वह वोटिंग के बाद वीवीपैट स्लिप लेकर देखे और फिर उसे बैलेट बॉक्स में डाल दे
इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने सवाल उठाया कि इससे निजता का हनन नहीं होगा?
इस पर पाशा ने कहा कि वोटर के अधिकार को निजता का हवाला देते हुए खत्म नहीं किया जा सकता
चुनाव आयोग ने ईवीएम पर चिंताएं दूर करते हुए कहा कि सभी वोटिंग मशीनों में मॉक पोल होता है
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, 'उम्मीदवारों को परमिशन दी जाती है कि वे कोई भी 5 पर्सेट मशीनें चेक कर सकते हैं
यही नहीं वोटिंग के दिन यह प्रक्रिया फिर से दोहराई जाती है. हर मशीन में अलग तरह की पेपर सील होती है
मशीनें जब काउंटिंग के लिए पहुंचती हैं तो उस दौरान सील चेक की जा सकती है' अदालत ने जब पूछा कि कैसे वोट चेक कर सकता है कि उसका वोट कहां गया
तो अधिकारी ने कहा कि इसके लिए हम समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाते हैं. आयोग ने कहा कि ईवीएम किस असेंबली में कौन सी जाएंगी, यह पहले से तय नहीं होता
आयोग ने कहा कि मतदान पूरा होने के बाद ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है. इन्हें उम्मीदवारों की मौजूदगी में सील किया जाता है
इसके बाद जब उम्मीदवार आते हैं, तभी काउंटिंग वाले दिन रूम खुलता है. अदालत ने इस दौरान पूछा कि क्या वोटिंग के बाद मतदाता को स्लिप मिल सकती है
इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि ऐसा हो तो सकता है, लेकिन इससे वोट की निजता का उल्लंघन होगा
इसके अलावा वोटिंग स्लिप जब बूथ के बाहर पहुंचेगी तो वोटर के साथ भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं. उस स्लिप का दूसरे लोग कैसे इस्तेमाल करेंगे, यह नहीं कहा जा सकता