भारत के इस गांव में अपने ही घर में शवों को दफनाते हैं लोग, जानें इसकी वजह

इटावा जिले के चकरनगर की नई बस्ती में सालों से इंसान अपने घरों में ही परिजनों के शवों को दफनाते आ रहे हैं. यह परंपरा अब भी जारी है.

इस बस्ती के हर घर में कब्र बनी हुई है. यह बस्ती इंसानों के रहने के लिए बनाई गई है, लेकिन हालात कब्रिस्तान जैसे हैं.

इटावा जिले के मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित चकरनगर की नई बस्ती में कब्रों के बीच रहना आम बात है.

यहां के लोगों का कहना है कि इस बस्ती में हर घर में कोई न कोई कब्र मौजूद है. बेडरूम में चाचा-चाची की कब्र तो आंगन में दादा-दादी की.  

यहां के लोग अपने परिजनों को घर के अंदर ही दफनाते हैं और कब्र बनाने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि गांव में कब्रिस्तान की कमी है.

गांव वालों का कहना है कि यहां कब्रिस्तान की व्यवस्था नहीं होने की वजह से वो अपने परिजनों को घर के अंदर ही दफनाते हैं.

वहीं तीन साल पहले पंचायत स्तर पर कब्रिस्तान के लिए जमीन तय कर दी गई थी, जिसके बाद से लोग अब कब्रिस्तान की जमीन पर अपने परिजनों को दफनाने लगे हैं.

हालांकि, यह प्रक्रिया अभी भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई है और कई लोग अब भी अपने घरों में परिजनों को दफनाने के लिए मजबूर हैं.