भारत के सभी राज्यों की अपनी विशेषता और खासियत होती है. अक्सर आपने देखा होगा कि हर राज्य की भाषा अलग-अलग होती है.

आज इस हम आपको आपके देश के ऐसे गांवों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें Sanskrit Village के नाम से भी जाना जाता है.

ये भारत के वो गांव हैं जहां की पहली भाषा (First Language) यानी आम बोलचाल की भाषा आज भी संस्कृत है. 

मत्तूरु, Karnataka बता दें कि कर्नाटक में मत्तूरु एक ऐसा ही गांव है, इस गांव के आसपास के लोग कन्नड़ बोलते हैं. लेकिन इस गांव का क्‍या बूढ़ा, क्‍या बच्‍चा सभी फर्राटे से संस्कृत बोलते हैं. 

होसा हल्ली, Karnataka 2011 की जनगणना के मुताबिक  इस गांव की आबादी कुल 3000 है. वहीं गांव के बारे में दिलचस्‍प तथ्‍य यह है कि इसे भारत का अंतिम संस्कृत भाषी गांव कहा जाता है.

Rajasthan ये गांव राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में है. संस्कृत के मामले में यहां उल्टी बयार बही है. क्योंकि करीब 20 साल पहले तक यहां के लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा में ही बातें करते थे.

Madhya Pradesh मध्‍यप्रदेश का राजगढ़ जिला मुख्‍यालय से करीब 45 किमी दूर झिरी गांव ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है. इस गांव में रहने वाला हर शख्‍स संस्कृत में ही बात करता है. 

Odisha इस गांव की आबादी कुछ 300 के आसपास है. यहां भी संस्कृत सीखना एक परंपरा है. ऐसी लोकप्रिय परंपरा, जिसका असर पड़ोस के गांव पर भी है.