केरल या चेन्नई.. भारत में कहां से हुई ईसाई धर्म की शुरुआत, क्या है सबसे पुरानी चर्च की कहानी?
केरल, गोवा, मिजोरम… इन राज्यों में सबस ज्यादा ईसाई मानने वाले लोग रहते हैं.
ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के 12 षट शिष्य थे, जो इस धर्म को दुनिया में फैलाने के लिए 11 अलग-अलग रास्तों पर चल पड़े
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए इनके 12वें शिष्य संत थॉमस समुद्री रास्ते से ईस्वी सन 52 में भारत के दक्षिण तट पर पहुंचे.
वो जिस दौर में भारत आए उस समय यहां चोल वंश का साम्राज्य फैला हुआ था. उनकी भारत यात्रा की शुरुआत केरल के मालाबार तट से हुई.
वो केरल और तमिलनाडु में 20 साल तक रहे. सेंट थॉमस ने भारत के पलायुर में चर्च की स्थापना की और धर्मस्थल की तरह प्रचारित किया.
इसी चर्च को संत थॉमस चर्च के नाम से जाना गया है. इसे दुनिया की सबसे पुरानी चर्च का दर्जा मिला. इसके बाद उन्होंने भारत में 6 और चर्च की नींव रखी.
कहा जाता है कि भारत में धर्म का प्रचार करने के बाद वो भारत के पूर्वी तट पर पहुंचे और यहां से चीन को पार कर गए.
कुछ समय बाद वो भारत फिर लौटै और चेन्नई में बस गए. यहां लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षा देने लगे, लेकिन यहां के लोगों ने उनका विरोध किया
यहां के लोगों ने सेंट थॉमस पर अत्याचार किया. एक गुफा में उनका कल्त कर दिया. चेन्नई में उस गुफा को थॉमस माउंट के नाम से जाना जाता है.