क्या पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में भी दी जाती है सलामी? यहां पर जानें

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके अंतिम संस्कार के दौरान भारतीय राजकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा.

निधन के बाद, उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाएगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी, जो राजकीय सम्मान का उच्चतम प्रतीक मानी जाती है.

इसके अलावा, राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाता है.

पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा में सुरक्षा और प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाता है, जिसमें गणमान्य व्यक्ति, राजनेता और आम जनता शामिल होते हैं.

सैन्य बैंड और सशस्त्र बलों के जवान भी इस यात्रा का हिस्सा होते हैं. उनके अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली के विशिष्ट स्मारकों जैसे राजघाट या उनके लिए बनाए गए समाधि स्थल पर जगह निर्धारित की जाती है.

कई मामलों में, अंतिम संस्कार संबंधित प्रधानमंत्री के गृह राज्य में भी हो सकता है.

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री जैसे प्रमुख व्यक्ति उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होते हैं.

इसके अतिरिक्त, अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि भी श्रद्धांजलि देने के लिए आते हैं.