फ्लाइट में क्या Air Hostess के लिए भी अलग बनता है पासपोर्ट, वीजा? यहां जानें
जब कोई यात्री विदेश जाता है तो उसको अपने साथ पासपोर्ट भी रखना होता है और वीजा भी. इन दोनों एयरपोर्ट पर चेक करने के बाद ही फ्लाइट को पकड़ सकते हैं.
लेकिन आपने कभी सोचा है कि जिन एयर स्टाफ की ड्यूटी इंटरनेशनल फ्लाइट में होती है वे हर वीक विदेश जाते हैं तो क्या उन्हें भी हर बार वीजा लेना होता है?
क्या उनके पासपोर्ट पर भी हर बार स्टांप लगती है या उनका पासपोर्ट अलग होता है? चलिए समझते हैं उनके विदेश में एंट्री एग्जिट का प्रोसेस क्या है?
आपको बता दें कि एयरलाइंस के पायलट, फ्लाइट अटेंडेंट का पासपोर्ट अलग नहीं होता है. उनका भी आम नागरिकों की तरह सामान्य पासपोर्ट होता है.
एयरलाइंस स्टाफ के लिए वीजा की अलग-अलग व्यवस्था होती है और ये हर देश के हिसाब से अलग है.
भारत से जाने वाले स्टाफ के लिए हर देश में अलग नियम है. स्टाफ को कुछ देशों के लिए नॉर्मल वीजा लेना होता है और पासपोर्ट पर भी एंट्री-एग्जिट स्टांप लगती है.
इसके अलावा कुछ देशों के लिए स्टाफ को एक साथ लंबे वक्त का वीजा मिल जाता है जिससे वे कई बार वहां जा सकते हैं.
वहीं कुछ देश ऐसे हैं जहां जाने के लिए फ्लाइट स्टाफ को वीजा की जरूरत नहीं होती है. इस स्थिति में एयरलाइंस की ओर से स्टाफ की जानकारी दूसरे देश में दे दी जाती है.
इसे जनरल डिक्लेरेशन कहा जाता है जिसमें पूरे स्टाफ की जानकारी होती है और उनके वापस जाने का समय आदि भी लिखा होता है. इसकी अप्रूवल कॉपी स्टाफ के पास होती है.
इस स्थिति में अगर वे एयरपोर्ट के बाहर भी आते जाते हैं तो उन्हें वीजा की जरूरत नहीं होती और ये डिक्लेरेशन ही उनके वीजा का काम करता है.