यहां मौजूद है 'Island Of Dolls', पेड़ों पर लटकती है गुड़िया, जानें इसके पीछे का सच

जिन लोगों को घूमने-फिरने का शौक होता है, वो तरह-तरह की जगहों पर जाना चाहते हैं. हालांकि दुनिया में कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जहां न जाने में ही भलाई है

ऐसी ही कुछ हॉन्टेड जगहों में से एक है मैक्सिको का ‘ला इस्ला डे ला म्यूनेकस’ द्वीप. ये द्वीप पेड़-पौधों से गुलज़ार है, लेकिन यहां रात को आने की लोगों की हिम्मत नहीं होती है. 

इसकी वजह द्वीप में लगे पेड़ों पर लटकी हुई गुड़ियों की फौज है, जो उन्हें यहां आने से रोकती है.

यूं तो छोटे बच्चे गुड़ियों को देखकर ही उन्हें लेने के लिए दौड़ पड़ते हैं लेकिन एक ऐसी जगह भी है जहां ढेरों गुड़िया मौजूद हैं, फिर भी बच्चे छोड़िए, बड़े भी वहां जाने से खौफ खाते हैं. 

खासतौर पर रात में कोई भी इन गुड़ियों के आस-पास भी नहीं जाना चाहता. 1990 में जोचिमिको कनाल की सफाई के वक्त यह लोगों की नजर में आया था और फिर एक दशक बाद दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया.

यूं तो सरकारी दस्तावेज़ों में द्वीप के भूतिया होने का ज़िक्र नहीं है, लेकिन लोगों का मानना है कि इन गुड़ियों में एक छोटी बच्ची की आत्मा रहती है. 

साल 2001 तक डॉन जूलियन सैंटाना बरेरा ‘ला इस्ला डे ला म्यूनेकस’ आइलैंड का केयरटेकर था. वो यहां अकेला ही रहता था. 

बताते हैं कि जूलियन को यहां एक बच्ची की डूबने के बाद तैरती हुई लाश मिली, जिसकी सांस चल रही थी. वो उसे बचा नहीं पाया और इस घटना के बाद उसे वहीं एक गुड़िया भी मिली. 

कहते हैं उसने पेड़ पर इसे टांग दिया और उसे एक के बाद एक गुड़िया मिलती चली गई. उसने बच्ची की आत्मा की शांति के लिए सारी गुड़िया पेड़ पर लटका दी और खुद उसकी मौत साल 2001 में हो गई.

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोग भूत-प्रेतों में विश्वास करते हैं और उन लोगों का कहना है कि बच्ची जहां मरी थी, वहीं जूलियन की भी मौत हुई. 

गुड़ियों ने वहीं अपनी दुनिया बसा ली है और वो यहां आने वाले लोगों को इशारे से अपनी ओर बुलाती हैं. वे रात में बातें करने लगती हैं और दिन में उनके आंखों की पुतलियां भी घूमती हैं. 

गुड़ियों की हालत देखकर कोई भी डर जाएगा क्योंकि इनमें से कुछ के सिर पीछे हैं तो कुछ बिना सिर के भी हैं.