इजराइल पर हमले के बाद ईरान ने ये साबित कर दिया कि उसके ड्रोन 2 हजार किलोमीटर की दूरी से भी हमला करने में सक्षम हैं. 

ईरान के ड्रोन की मांग दुनिया भर में बढ़ती जा रही है. मध्यपूर्व ही नहीं अब ईरान के ड्रोन रूस, अजरबैजान, तुर्की के साथ-साथ चीन में भी इस्तेमाल होंगे. 

खबरों के मुताबिक, चीनी सेना ने ईरान को 15,000 आत्मघाती ड्रोन का ऑर्डर दिया है और इसके अलावा रूस भी ईरान से दोबारा बैलिस्टिक मिसाइलें खरीदने जा रहा है.

चीन और रूस दुनिया की बड़ी ताकत हैं और इनकी सैन्य ताकत अमेरिका की सेना से भी कम नहीं है. 

ऐसे में इन देशों का ईरान से हथियार खरीदना बताता है कि ईरान ने अपनी सैन्य क्षमता किस हद तक बढ़ा ली है.

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने बताया था कि रूस ने ईरान से ड्रोन खरीदे हैं, जिनका इस्तेमाल वे यूक्रेन पर हमला करने के लिए कर रहा है.

बता दें यूक्रेन-रूस युद्ध में ईरान के ड्रोन और अनक्रूड एरियल व्हीकल (UAV) का इस्तेमाल अच्छी तादाद में हुआ है.

चीन का इतनी बड़ी तादाद में ड्रोन खरीदना भारत के लिए भी खतरा बन सकता है. 

क्योंकि भारत का चीन के साथ सीमा विवाद पिछले कुछ सालों में गहरा हुआ है.